क्या पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने सच में पुतिन की बंद कमरे की बैठक में बिना बुलाए प्रवेश किया था?
इस घटना का एक वीडियो, जो तुर्कमेनिस्तान में आयोजित एक शिखर सम्मेलन के दौरान का बताया जा रहा है, तेजी से वायरल हो गया। लेकिन क्या यह दावा सच है?
क्या हुआ और क्यों?
शहबाज़ शरीफ़ तुर्कमेनिस्तान में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के दौरान पुतिन से मुलाकात करने वाले थे। यह कार्यक्रम तुर्कमेनिस्तान द्वारा अपनी स्थायी तटस्थता की घोषणा के 30 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। उल्लेखनीय है कि दुनिया के चौथे सबसे बड़े प्राकृतिक गैस भंडार वाले तुर्कमेनिस्तान ने 1995 में अपने पहले राष्ट्रपति सपारमुरात नियाज़ोव के कार्यकाल में तटस्थता को आधिकारिक नीति के रूप में अपनाया था।
इस कार्यक्रम में रूस, तुर्की, ईरान और पाकिस्तान के नेताओं ने हिस्सा लिया। आरटी इंडिया द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में शहबाज़ शरीफ़ पाकिस्तानी उपप्रधानमंत्री इशाक डार के साथ एक पास के कमरे में पुतिन से मुलाकात का इंतज़ार करते दिखे। हालांकि, पुतिन की तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन के साथ बैठक तय समय से 40 मिनट से अधिक देर तक चलती रही।
इसके बाद शहबाज़ कथित तौर पर अपना धैर्य खोते हुए पुतिन और एर्दोआन की बंद कमरे की बैठक में प्रवेश कर गए। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने पुतिन से थोड़ी देर की बातचीत की उम्मीद में ऐसा किया। हालांकि, लगभग 10 मिनट बाद ही वे कमरे से बाहर आ गए।
लेकिन सच्चाई क्या है?
वीडियो वायरल होने के कुछ घंटों बाद ही आरटी इंडिया ने इस क्लिप को हटाते हुए कहा कि यह “घटनाओं की गलत व्याख्या हो सकती है।”
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर आरटी इंडिया ने लिखा, “हमने तुर्कमेनिस्तान में पीस एंड ट्रस्ट फोरम के दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के व्लादिमीर पुतिन से मिलने के इंतज़ार से जुड़ा एक पुराना पोस्ट हटा दिया है। यह पोस्ट घटनाओं की गलत व्याख्या हो सकता था।”
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