क्या हमे हिंदी बोलने में शर्म आती है ?
राजनाथ सिंह ने सोमवार को बोला की हिंदी भाषा को सम्मान मिलना चाहिए क्योंकि देश की ७५% जनता या तो हिंदी बोलती है या फिर हिंदी समझती है तो नहीं इससे इसका हक़ दिलाएं।
मैं समझता हूँ होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह सहीं बोल हु सबको हिंदी बोलनी चाहिए और ऐसा करने में हमे झिझक नहीं होनी चाहिए, वैसे तो आजकल ज़्यादातर लोग यही जो इंग्लिश बोलता है वही पढ़ा ऐसा नहीं है क्योंकि बहार देश में अगर कोई झाड़ू मारता है ताऊ वह भी इंग्लिश जनता है इसका मतलब यह नहीं है की वह बोहोत समझदार है.
हिंदी हमारी मातृबाषा है और हमे इसे इसका सम्मान देना चाहिए। यह सिर्फ हमारे लिए हैं नहीं सबके लिए सम्मान की बात होनी चाहिए क्योंकि ऐसे बोहोत सारे देश हैं जो सिर्फ अपनी बाषा बोलते हैं और हमे भी ऐसा ही चाहिए.
अपनी बाषा बोलने में क्या शर्म ?
राजनाथ सिंह एक फंक्शन अटेंडकर रहें थे जोकि हिंदी दिवस मानाने के लिए करा गया था जहाँ पर हमारे राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी भी थे जिन्होंने बताया की हिंदी भाषा की वजह से बाकि देश के हिस्से एक दुसरे से जुड़े हैं.
यहाँ पर इक अच्छी बात यह है की पहले बार किसी है हिंदी भाषा के लिए वह भी सबके सामने दिल ठोक कर जीने हमारे राष्ट्रपति और होम मिनिस्टर शामिल हैं.
प्लीज अपने कमेंट जर्रूर करें ताकि हिंदी भाषा को उसका सही महत्व मिले।
मैं समझता हूँ होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह सहीं बोल हु सबको हिंदी बोलनी चाहिए और ऐसा करने में हमे झिझक नहीं होनी चाहिए, वैसे तो आजकल ज़्यादातर लोग यही जो इंग्लिश बोलता है वही पढ़ा ऐसा नहीं है क्योंकि बहार देश में अगर कोई झाड़ू मारता है ताऊ वह भी इंग्लिश जनता है इसका मतलब यह नहीं है की वह बोहोत समझदार है.
हिंदी हमारी मातृबाषा है और हमे इसे इसका सम्मान देना चाहिए। यह सिर्फ हमारे लिए हैं नहीं सबके लिए सम्मान की बात होनी चाहिए क्योंकि ऐसे बोहोत सारे देश हैं जो सिर्फ अपनी बाषा बोलते हैं और हमे भी ऐसा ही चाहिए.
अपनी बाषा बोलने में क्या शर्म ?
राजनाथ सिंह एक फंक्शन अटेंडकर रहें थे जोकि हिंदी दिवस मानाने के लिए करा गया था जहाँ पर हमारे राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी भी थे जिन्होंने बताया की हिंदी भाषा की वजह से बाकि देश के हिस्से एक दुसरे से जुड़े हैं.
यहाँ पर इक अच्छी बात यह है की पहले बार किसी है हिंदी भाषा के लिए वह भी सबके सामने दिल ठोक कर जीने हमारे राष्ट्रपति और होम मिनिस्टर शामिल हैं.
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