अमिर आदमी कैसे सोचता है या फिर उसकी कैसी सोच होती है ?
अमिर आदमी कैसे सोचता है या फिर उसकी कैसी सोच क्या होती है या कभी अपने सोचा है की अमरि आदमी और गरीब आदमी की क्या अंतर होता है.
अमीर आदमी हमेशा आगे की सोचता है या फिर यह आगे क्या होगा ! वह हमेशा भविष्य के बारे सोचता है नाकि बीते हुए वक्त के बारे में वहीँ गरीब आदमी हमेशा पुरानी बात सोचकर परेशान होता है और हर किसी को दोष देता है.
आमिर आदमी के साथ बुरा होता है तो वह सिख लेकर आगे की और बढ़ता है वहीँ गरीब आदमी डर कर ही रह जाता है और ज़िन्दगी डर में गुज़र देता है.
अमीर आदमी सारी दिक्कतों की जड़ पैसे को मानता है वहीँ गरीब पैसे को ही सब दिक्कतों की जड़ मानता है.
आमिर पैसे के बारे में सोचता है और के लिए कुछ न कुछ करता रहता है वहीँ गरीब आदमी बचत करने में लगा रहता है
यहीं कुछ बातें हैं जो आदमी को आमिर या गरीब बनाती हैं.
बाकि तो किस्मत होती पर हमे किस्मत के सहारे नहीं बैठना चाहये और हमेशा प्रयास करते रहना चाहिए.
अमीर आदमी हमेशा आगे की सोचता है या फिर यह आगे क्या होगा ! वह हमेशा भविष्य के बारे सोचता है नाकि बीते हुए वक्त के बारे में वहीँ गरीब आदमी हमेशा पुरानी बात सोचकर परेशान होता है और हर किसी को दोष देता है.
आमिर आदमी के साथ बुरा होता है तो वह सिख लेकर आगे की और बढ़ता है वहीँ गरीब आदमी डर कर ही रह जाता है और ज़िन्दगी डर में गुज़र देता है.
अमीर आदमी सारी दिक्कतों की जड़ पैसे को मानता है वहीँ गरीब पैसे को ही सब दिक्कतों की जड़ मानता है.
आमिर पैसे के बारे में सोचता है और के लिए कुछ न कुछ करता रहता है वहीँ गरीब आदमी बचत करने में लगा रहता है
यहीं कुछ बातें हैं जो आदमी को आमिर या गरीब बनाती हैं.
बाकि तो किस्मत होती पर हमे किस्मत के सहारे नहीं बैठना चाहये और हमेशा प्रयास करते रहना चाहिए.