मरने के पैंतालीस मिनट बाद आदमी ज़िंदा हुआ
चेन्नई में एक दुकानदार को हार्ट अटैक आया और पैंतालीस मिनट तक उसका दिल रुक गया पर डॉक्टरों ने उससे दोबारा ज़िंदा कर दिया।
ये घटना किसी चमत्कार से कम नहीं है क्योंकि ये आदमी की उम्र अड़तीस साल की है उसने मौत पर दोबारा जीत पा ली है अब वह अच्छी तरह से अपना नया जीवन जी रहा है।
क्या हुआ ?
इस आदमी का नाम जयु सुख भाई है जिसकी पोरबंदर में एक किताबों की दुकान चलता है और जब वह आराम से काम कर रहा था तभी उसे हार्ट अटैक आया और उसकी तबियत बहुत ही ख़राब हो गयी तभी उससे एयर एम्बुलेंस से चेन्नई के फोर्टिस मलार हॉस्पिटल में ले जाया गया।
जब उसे ले जा रहे थे तो रास्ते में ह यह पता चला की उसके शरीर पिला पड़ रहा है क्योंकि शायद उसके लिवर ने काम करना बंद कर दिया है और इसी वजह से शरीर में पीलापन आ गया था और उसका शरीर भी बाहर कमजोर था।
सबको लगा की अंतिम समय है और अब ज्यादा कुछ नहीं करा जा सकता पर भगवान की तो कुछ ही और ही इच्छा थी इसलिए उसका जीवन बढ़ा दिया।
जैसे ही उसे हॉस्पिटल में पहुंचाया गया डॉक्टरों ने उसकी हालत सुधरने के लिए उसकी दवा देनी शुरू कर दी ताकि उसकी हालत को ठीक रख जा सके और उसके बाद नया दिल लगाया जा सके।
पर इससे पहले की नया दिल आ पता उसे एक और हार्ट अटैक आ गया और उसके दिल ने बिलकुल ही काम दिया। फिर डॉक्टरों ने उसके खून को मशीनों से पंप करना शुरू कर दिया ताकि जबतक नया दिल न आये उसे शरीर में और दिमाग में खून और ऑक्सीजन बनी रहे नहीं तो अगर शरीर में पांच मिनट तक अगर खून में ऑक्सीजन न बहे तो दिमाग के साथ साथ बाकि के अंग भी काम करना हैं।
बाद में हैदराबाद से उसके लिए हवा से दिल आ गया और करीब ४५ मिनट बाद नया दिल लगाया गया और ये ऑपरेशन कामयाब हो गया।
पर इसके बाद भी थकेर को होश नहीं आया लगभग दस दिनों तक वह कोमा में रहा इस बीच उसकी बीवी मनीषा ने तो यही सोच लिया था की अब वह नहीं बचेगा पर बहवन की दया से उसे दस दिन बाद होश आ गया और वह अब बिलकुल ठीक ठाक है।
ये घटना किसी चमत्कार से कम नहीं है क्योंकि ये आदमी की उम्र अड़तीस साल की है उसने मौत पर दोबारा जीत पा ली है अब वह अच्छी तरह से अपना नया जीवन जी रहा है।
क्या हुआ ?
इस आदमी का नाम जयु सुख भाई है जिसकी पोरबंदर में एक किताबों की दुकान चलता है और जब वह आराम से काम कर रहा था तभी उसे हार्ट अटैक आया और उसकी तबियत बहुत ही ख़राब हो गयी तभी उससे एयर एम्बुलेंस से चेन्नई के फोर्टिस मलार हॉस्पिटल में ले जाया गया।
जब उसे ले जा रहे थे तो रास्ते में ह यह पता चला की उसके शरीर पिला पड़ रहा है क्योंकि शायद उसके लिवर ने काम करना बंद कर दिया है और इसी वजह से शरीर में पीलापन आ गया था और उसका शरीर भी बाहर कमजोर था।
सबको लगा की अंतिम समय है और अब ज्यादा कुछ नहीं करा जा सकता पर भगवान की तो कुछ ही और ही इच्छा थी इसलिए उसका जीवन बढ़ा दिया।
जैसे ही उसे हॉस्पिटल में पहुंचाया गया डॉक्टरों ने उसकी हालत सुधरने के लिए उसकी दवा देनी शुरू कर दी ताकि उसकी हालत को ठीक रख जा सके और उसके बाद नया दिल लगाया जा सके।
पर इससे पहले की नया दिल आ पता उसे एक और हार्ट अटैक आ गया और उसके दिल ने बिलकुल ही काम दिया। फिर डॉक्टरों ने उसके खून को मशीनों से पंप करना शुरू कर दिया ताकि जबतक नया दिल न आये उसे शरीर में और दिमाग में खून और ऑक्सीजन बनी रहे नहीं तो अगर शरीर में पांच मिनट तक अगर खून में ऑक्सीजन न बहे तो दिमाग के साथ साथ बाकि के अंग भी काम करना हैं।
बाद में हैदराबाद से उसके लिए हवा से दिल आ गया और करीब ४५ मिनट बाद नया दिल लगाया गया और ये ऑपरेशन कामयाब हो गया।
पर इसके बाद भी थकेर को होश नहीं आया लगभग दस दिनों तक वह कोमा में रहा इस बीच उसकी बीवी मनीषा ने तो यही सोच लिया था की अब वह नहीं बचेगा पर बहवन की दया से उसे दस दिन बाद होश आ गया और वह अब बिलकुल ठीक ठाक है।
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